भक्त रैदास का अर्थ
[ bhekt raidaas ]
भक्त रैदास उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसी प्रकार की मनःस्थिति भक्त रैदास की भी थी।
- ऐसी ही एक घटना महान भक्त रैदास के जीवन की है ।
- भक्त रैदास जूते बनाते और ग्राहकों को यह कहकर दे देते कि , ‘‘ राम ! ये जूते मैंने आप ही के लिए बनाए हंै , ये जूते आपके ही हैं।
- कबीर साफ कहते थे कि पाथरी पूजे हरि मिले , तो क्यों न पूजू पहांड़ इसी तरह भक्त रैदास का यह कहना भी सार्थक है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा आज के समय में मन और तन दोनो ही भूखा और नंगा है।
- क्योंकि सूरदास , तुलसीदास , कबीरदास , मीराबाई , भक्त रैदास , नरसी मेहता , संत तुकाराम , दादू , बिन्दू , गुरु नानक आदि महामानवों ने तत्कालीन समय में भक्तिमय काव्य महाकाव्यों में राम नाम की सरिता बहा कर विश्व को आलोकित किया था।
- क्योंकि सूरदास , तुलसीदास , कबीरदास , मीराबाई , भक्त रैदास , नरसी मेहता , संत तुकाराम , दादू , बिन्दू , गुरु नानक आदि महामानवों ने तत्कालीन समय में भक्तिमय काव्य महाकाव्यों में राम नाम की सरिता बहा कर विश्व को आलोकित किया था।